INDvsENG: इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने स्लो ओवर रेट को लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद पर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट में लॉर्ड्स में स्लो ओवर रेट के कारण इंग्लैंड से दो विश्व टेस्ट चैंपियनशिप अंक और 10% मैच फीस काट ली गई थी। इसकी वजह से इंग्लैंड WTC तालिका में दूसरे से तीसरे स्थान पर खिसक गया। स्टोक्स ने इस नियम को अनुचित बताते हुए ICC से इसकी समीक्षा की मांग की है। उन्होंने मंगलवार को मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि वह स्लो ओवर रेट से संबंधित कागजों पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। यह उनका ICC के खिलाफ विरोध का तरीका है।
स्टोक्स ने तर्क दिया है कि एशिया में जहां 70% ओवर स्पिनर डालते हैं, वहां ओवर रेट आसानी से बनाए रखा जाता है, क्योंकि स्पिन गेंदबाजी में कम समय लगता है। वहीं, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे SENA देशों में 70-80% ओवर तेज गेंदबाज डालते हैं, जिन्हें अधिक समय चाहिए। उन्होंने कहा “यह सामान्य ज्ञान है कि विभिन्न महाद्वीपों में ओवर रेट के समय को अलग-अलग करना चाहिए। एक ही नियम हर जगह लागू नहीं हो सकता।”
उन्होंने लॉर्ड्स टेस्ट में स्पिनर शोएब बशीर की चोट का हवाला देते हुए कहा है कि पांचवें दिन इंग्लैंड को ज्यादातर तेज गेंदबाजों पर निर्भर रहना पड़ा, जिससे ओवर रेट प्रभावित हुआ। स्टोक्स ने यह भी बताया है कि पिछले कुछ वर्षों में ओवर रेट में कमी आई है, क्योंकि स्कोरिंग रेट बढ़ने से गेंद बार-बार बाउंड्री तक जाती है, जिससे समय लगता है। उन्होंने कहा “खेल में कई बार रणनीति के तहत गति धीमी करनी पड़ती है। तेज गेंदबाज लगातार मेहनत करते हैं और पांच दिन के टेस्ट में थकान के कारण ओवर रेट कम हो जाता है।”
स्टोक्स ने ICC से बेहतर संवाद की मांग की और कहा कि वह 2023 के एशेज टेस्ट के बाद से स्लो ओवर रेट के कागजों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं, लेकिन ICC ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा, “मैं तब तक हस्ताक्षर नहीं करूंगा, जब तक ICC इस पर बातचीत शुरू नहीं करता।” पिछले WTC चक्र में इंग्लैंड को स्लो ओवर रेट के कारण 22 अंक गंवाने पड़े थे।
पूर्व इंग्लैंड कप्तान माइकल वॉन ने भी ICC की आलोचना की थी, क्योंकि लॉर्ड्स टेस्ट में भारत को स्लो ओवर रेट के लिए दंडित नहीं किया गया, जबकि दोनों टीमें इस मामले में दोषी थीं। स्टोक्स का कहना है कि दर्शक उच्च गुणवत्ता वाला क्रिकेट देखना चाहते हैं, न कि ऐसी स्थिति जहां टीमें ओवर रेट बढ़ाने के लिए स्पिनरों को गेंद सौंप दें। उन्होंने ICC से नियमों में बदलाव की मांग करते हुए कहा कि क्षेत्ररक्षकों की रणनीति और गेंदबाजों की थकान जैसे पहलुओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।