Corruption News : मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त पुलिस ने मत्स्य विभाग की जिला अधिकारी और एक अस्थायी कर्मचारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 की धारा 7 और 12 के अंतर्गत केस दर्ज किया है।
मामला तब सामने आया जब शिकायतकर्ता अनवर कादरी ने बताया कि उन्होंने अपने चार साथियों के साथ कुंडलिया डैम में मछली पालन का ठेका लिया था। नवंबर से काम शुरू हुआ, लेकिन कथित तौर पर जिला मत्स्य अधिकारी सुरेखा सराफ की ओर से हर महीने तीन लाख रुपये रिश्वत की मांग की जा रही थी। अनवर द्वारा पैसे देने से इनकार करने पर पिछले दो महीनों से उनका काम रोक दिया गया और उनके खिलाफ कई झूठी शिकायतें दर्ज कराई गईं, जिससे वे मानसिक रूप से काफी परेशान हो गए।
अनवर ने पहले मत्स्य विभाग के एमडी से शिकायत की, लेकिन केवल जांच का आश्वासन मिला, कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद अनवर ने 1 अप्रैल को भोपाल में लोकायुक्त एसपी से मिलकर औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। शिकायत की पुष्टि के बाद लोकायुक्त की टीम राजगढ़ भेजी गई।
छानबीन के दौरान आरोपी कर्मचारी मुबारक गौरी को जीरापुर के छापीहेड़ा नाके पर एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। यह रिश्वत सुरेखा सराफ के निर्देश पर ली जा रही थी। गिरफ्तारी के बाद सुरेखा सराफ फरार हो गईं और न तो अपने कार्यालय में पाई गईं, न ही अपने निवास पर।
लोकायुक्त अधिकारियों ने बताया कि महिला अधिकारी सुरेखा सराफ के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है क्योंकि पूरा लेन-देन उनकी सहमति और कहने पर किया गया था। शिकायतकर्ता अनवर ने कहा कि वह पिछले चार महीने से बेहद परेशान था और कई बार अधिकारी को समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें धमकी दी जाती थी कि उनका टेंडर रद्द कर दिया जाएगा या उन पर झूठे आरोप लगाए जाएंगे। लोकायुक्त टीआई रजनी तिवारी ने पुष्टि की कि आरोपी को रिश्वत लेते पकड़ा गया है और दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।