Janeu Controversy: पिछले दिनों पीरियड्स के चलते आठवी कक्षा की एक दलित छात्रा को क्लास के बाहर बिठाकर परीक्षा दिलाया गया। मामला तमिलनाडु के कोयंबटूर का था। जहां सेनगुट्टईपालयम स्थित स्वामी चिद्भावनंद मैट्रिक हायर सेकेंडरी स्कूल में छात्रा पढ़ती है। यह मामला अभी शांत भी ही नहीं था कि एक और दूसरा मामला कर्नाटक से सामने आ गया है। जहां के दो परीक्षा केंद्र पर जनेऊ पहनने की सजा छात्रों को मिली। जनेऊ नहीं उतारा तो छात्र को एग्जाम देने से रोका गया।
पहला मामला शिवमोगा जिले के आदिचुंचनगिरी स्कूल का है। जहां कॉमन इंट्रेंस टेस्ट (CET) एग्जाम देने आए 3 छात्रों से जनेऊ उतरवाया गया। जबकि दूसरा मामला बीदर जिले के साई स्पूर्थी पीयू कॉलेज का है। यहां भी एक स्टूडेंट से जनेऊ उतारने को कहा गया। जब उसने जनेऊ उतारने से मना किया तब उसे एग्जाम में बैठने नहीं दिया गया। मामला सामने आने के बाद कर्नाटक ब्राह्मण महासभा ने थाने में केस दर्ज कराया।
बीदर जिले के साई स्पूर्थी पीयू कॉलेज में 17 अप्रैल को सीईटी का एग्जाम था। परीक्षा देने आए छात्र को जनेऊ काटने को बोला गया। परीक्षा भवन में प्रवेश के दौरान जांच की गयी। जब परीक्षा केंद्र पर तैनात कर्मी की नजर जांच के दौरान जनेऊ पर गई तब उन्होंने जनेऊ काटने को कहा। तब छात्र ने जनेऊ काटने से इनकार कर दिया. जिसके बाद केंद्र पर मौजूद कर्मी कहने लगा कि जनेऊ उतारकर फेंकोगे तब ही परीक्षा में बैठने देंगे। जब छात्र ने जनेऊ नहीं उतारा तब उसे परीक्षा केंद्र में घुसने नहीं दिया गया।
छात्र करीब पौन घंटे तक परीक्षा हॉल में जाने के लिए अपील करता रहा लेकिन उसकी एक ना सुनी गई जिसके बाद वो वापस घर लौट आया। वही दूसरा मामला शिवमोगा स्थित सीईटी एग्जाम सेंटर का है। आदिचुंचनगिरी पीयू कॉलेज एग्जाम सेंटर पर सुरक्षा कर्मियों ने 3 छात्रों से जनेऊ उतारने को कहा तब दो छात्रों ने जनेऊ उतार दिया जिसे परीक्षा हॉल में जाने दिया गया लेकिन जब तीसरे छात्र ने जनेऊ उतारने से इनकार किया तब उसे बाहर ही रोक दिया गया। हालांकि इस संबंध में पूछे जाने पर परीक्षा केंद्र पर तैनात कर्मियों ने दावा किया कि उन्होंने किसी भी छात्र से जनेऊ उतारने को नहीं कहा है। केवल काशी धरा यानि कलाई के चारों ओर पहना जाने वाला पवित्र धागा उतारने को कहा।
शिवमोगा से बीजेपी सांसद बीवाई राघवेंद्र ने इस घटना की निंदा की है..कहा कि यह अन्याय है। इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए कि इस तरह की घटना दोबारा न हो। हिंदू धर्म के खिलाफ इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय किए जाने चाहिए। जो भी जिम्मेदार हैं, सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
वही कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एमसी सुधाकर ने कहा कि यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह मामला केवल शिवमोगा में ही नहीं सामने आया है बल्कि बीदर में भी हुआ है। हम सभी धर्मों और उनकी आस्था का सम्मान करते हैं। ऐसी घटनाओं को स्वीकार नहीं किया जा सकता। बता दें कि कर्नाटक एग्जामिनेशन अथॉरिटी (केईए), जो कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) आयोजित करता है। उनकी तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।