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India Ethiopia: "पाकिस्तानी आतंकी खून-खराबा करने आए थे", खुलकर भारत के समर्थन में आया एक और देश

India Ethiopia: भारत और पाकिस्तान में तनाव के बीच इथियोपिया ने भारत का खुलकर समर्थन किया है, जिसमें उसने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। भारत में इथियोपिया के राजदूत फेसेहा शॉवेल गेब्रे ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी भारत में “खून-खराबा” करने आए थे, और भारत ने इस चुनौती का जवाब संयम और जिम्मेदारी के साथ दिया।

गेब्रे ने इस बारे में बात करते हुए आगे कहा कि आतंकियों ने धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाया, जो “भयानक और अस्वीकार्य” है। ज्ञात हो कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे, जिसमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले के जवाब में भारत ने 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया था। भारतीय सशस्त्र बलों ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों से जुड़े ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए।

जिसके बाद पाकिस्तान ने LoC पर गोलीबारी और ड्रोन हमलों की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। अंततः दोनों देशों DGMO के बीच बातचीत के बाद 10 मई को सैन्य कार्रवाइयों पर अस्थायी विराम लगा। गेब्रे ने भारत की इस संयमित और लक्षित प्रतिक्रिया की सराहना की, और बताया कि मई के अंत में भारत का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल इथियोपिया का दौरा करेगा ताकि इस हमले और भारत की कार्रवाई पर विस्तृत जानकारी साझा की जाए।

इसके अलावा इथियोपिया के राजदूत ने भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई पर जोर दिया, यह उल्लेख करते हुए कि इथियोपिया भी पूर्वी अफ्रीका में आतंकवाद का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। गेब्रे का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत अपनी आतंकवाद विरोधी रणनीति को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ले जा रहा है।

इसके लिए भारत ने एक सात-सदस्यीय बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाया है, जिसमें कांग्रेस सांसद शशि थरूर, भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जेडीयू के संजय झा, डीएमके की कनिमोझी, एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले, और अन्य शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों और प्रमुख साझेदार देशों से मुलाकात करेगा ताकि ऑपरेशन सिंदूर और भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को वैश्विक समर्थन मिले।