Election Commission Mobile Phone Policy: निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं की सुविधा और मतदान प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण नया कदम उठाया है। अब मतदान के दिन मतदाता अपने मोबाइल फोन बूथ के अंदर नहीं ले जा सकेंगे, लेकिन वे अपने मोबाइल फोन पोलिंग बूथ के बाहर जमा करा सकेंगे। चुनाव के दौरान मोबाइल फोन जमा करने की यह सुविधा पहली बार इस साल के तीसरे चरण में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में लागू की जा सकती है।
मतदाता बूथ के अंदर जाने से पहले अपने मोबाइल फोन निर्वाचन आयोग की टीम को सौंपेंगे, जहां उनका ध्यानपूर्वक रखरखाव किया जाएगा। वोट देने के बाद वे अपनी मोबाइल फोन लेकर आराम से निकल सकते हैं, साथ ही मतदान के बाद सेल्फी लेने की सुविधा भी रहेगी। निर्वाचन आयोग ने यह सुविधा शहरों और ग्रामीण इलाकों में मोबाइल फोन के बढ़ते इस्तेमाल और मतदान के दिन वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगों के सामने आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए दी है।
बता दें कि इसके तहत मतदान केंद्र के बाहर 100 मीटर के दायरे तक मतदाता बंद मोबाइल फोन साथ ले जा सकेंगे, लेकिन बूथ के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मतदान केंद्र के बाहर पिजनहोल बॉक्स या जूट बैग जैसी व्यवस्था की जाएगी, जहां मतदाता अपने फोन जमा कर सकेंगे।
इसके अलावा, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अगुवाई में आयोग ने मतदान केंद्र के परिसर के बाहर 100 मीटर की दूरी पर अनौपचारिक मतदाता पहचान पर्चियां वितरित करने के लिए अस्थाई बूथ बनाने का निर्णय लिया है, जो पहले 200 मीटर की दूरी पर होते थे। यह कदम मतदान प्रक्रिया को और अधिक समावेशी और सहज बनाने के लिए उठाया गया है।
निर्वाचन आयोग का यह निर्णय न केवल मतदान के दौरान सुरक्षा बढ़ाएगा बल्कि मतदाताओं को बिना किसी झंझट के अपने वोट डालने का मौका भी देगा। आने वाले चुनावों में यह नई व्यवस्था मतदान केंद्रों पर वोटिंग अनुभव को बेहतर और अधिक आधुनिक बनाएगी।