DY Chandrachud: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) डॉ. डी वाई चंद्रचूड़ अब देश की कानूनी शिक्षा प्रणाली को सशक्त करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। उन्हें प्रतिष्ठित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU), दिल्ली में डिस्टिंग्विश्ड प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया है। विश्वविद्यालय ने 15 मई को इस बात की आधिकारिक घोषणा की।
NLU के वाइस चांसलर प्रो. जीएस बाजपेयी ने कहा कि “यह जुड़ाव हमारे शिक्षण माहौल को और समृद्ध बनाएगा। जस्टिस चंद्रचूड़ की संवैधानिक व्याख्या, नैतिक मूल्यों की समझ और मौलिक अधिकारों पर गहन पकड़ छात्रों के लिए अमूल्य साबित होगी।”
NLU दिल्ली जुलाई से “In the Spirit of Justice: The DYC Distinguished Lecture Series” की शुरुआत करेगा। इस सीरीज़ के माध्यम से जस्टिस चंद्रचूड़ अपने दशकों के न्यायिक अनुभव और संवैधानिक दृष्टिकोण को छात्रों के साथ साझा करेंगे। यह श्रृंखला भारत की कानूनी शिक्षा में एक ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे
डॉ. डी वाई चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर 2022 से 10 नवंबर 2024 तक भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा दी। अपने कार्यकाल के दौरान वह 38 संवैधानिक पीठों का हिस्सा रहे और अयोध्या भूमि विवाद, अनुच्छेद 370, समलैंगिकता अपराध से मुक्त, और निजता का अधिकार जैसे ऐतिहासिक मामलों में निर्णायक भूमिका निभाई।
NLU में प्रोफेसर की भूमिका क्यों है खास?
NLU दिल्ली देश की अग्रणी कानून यूनिवर्सिटी है, और डी वाई चंद्रचूड़ जैसे अनुभवी न्यायाधीश का इससे जुड़ना आने वाले पीढ़ी के वकीलों और न्यायविदों को व्यावहारिक और संवैधानिक ज्ञान से लैस करेगा। भारत के न्यायिक इतिहास में योगदान देने के बाद, अब जस्टिस चंद्रचूड़ शिक्षण के क्षेत्र में भी एक नई मिसाल कायम करेंगे। NLU दिल्ली में उनका यह नया रोल कानूनी शिक्षा को नई दिशा देगा।