DESK : दिवाली पर्व भारतीय संस्कृति मे बहुत महत्त्व रखता हैं। दिवाली के अवसर पर लोग घरों को लाइट्स से डेकोरेट करते हैं। दिवाली तीन दिनों तक सेलिब्रेट किया जाता हैं "धनतेरस, छोटी दिवाली और लक्ष्मी पूजा"। दिवाली मे लोग अपने घरों को साफ करते हैं और लाइट्स, रंगोली से डेकोरेट भी करते हैं। ऐसे में दिवाली सेलिब्रेशन जो तीन दिनों तक चलता हैं उसके हरके दिन का क्या है महत्व आइए जानते हैं।
धनतेरस दीवाली के तीन दिनों में से पहला दिन होता है। इस दिन विशेष रूप से बर्तन, सोना, चांदी और अन्य कीमती सामान खरीदने की परंपरा है, क्योंकि माना जाता है कि इस दिन खरीदी गई चीजें सफलता और भाग्य लाती हैं। लोग अपने घरों को सजाते हैं और इस दिन नए बर्तन या गहना खरीदकर अपने धन को बढ़ाने का प्रयास करते हैं।
छोटी दिवाली धनतेरस के अगले दिन मनाई जाती है। इस दिन को "काली चौदस" भी कहते हैं। इसे इस रूप में मनाने का महत्व है कि इस दिन नरक में जाने से पहले प्राणियों को स्नान और पूजा करने की सलाह दी जाती है। इस दिन लोग रात में दीपक जलाते हैं और घरों में दीप जलाकर अंधकार को दूर करने की कोशिश करते हैं। छोटी दिवाली को लोग अपने घरों को सजाने के लिए रंगोली बनाते हैं और मिठाई बनाते हैं।
लक्ष्मी पूजा दीवाली के लिए मुख्य दिन पर होता है, जो धनतेरस और छोटी दिवाली के बाद आता है। इस दिन लोग देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जिन्हें धन, सुख और सफलता की देवी माना जाता है। लोग अपने घरों को अच्छे से साफ करते हैं और सजाते हैं। पूजा के दौरान, घर में दीपक जलाए जाते हैं और देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए दरवाजों पर रंगोली बनाई जाती है।