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Jharkhand News: हजारीबाग में दो समुदायों के बीच झड़प, गांव में पसरा सन्नाटा

Jharkhand News: हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड के डुमरांव गांव में दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दूसरे दिन भी माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। गांव में सन्नाटा पसरा है और लोग अपने घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है और जगह-जगह गश्त कर रहा है। चौक-चौराहों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति को टाला जा सके।

स्थिति नियंत्रण में, अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांतिपूर्वक अपनी दिनचर्या जारी रखें। पुलिस का कहना है कि 24 घंटे बाद स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन अब भी इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है।

गिरफ्तारी और सघन जांच जारी

इस हिंसा के मामले में 45 नामजद और 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय लोगों की मदद से आरोपियों की पहचान की जा रही है। इलाके में मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी भी तैनात हैं ताकि शांति व्यवस्था बनाए रखी जा सके।

स्कूल में सन्नाटा, बच्चों में दहशत

जिस इलाके में हिंसा हुई, वहां एक सरकारी प्राथमिक उर्दू स्कूल भी स्थित है, जहां करीब 170 बच्चे पढ़ते हैं। घटना के बाद स्कूल तो खुला लेकिन केवल दो छात्र ही पहुंचे। शिक्षकों का कहना है कि ऐसी घटनाओं से सबसे ज्यादा नुकसान मासूम बच्चों को होता है। डर के कारण अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं।

वाहनों को जलाया, कई घायल

इस हिंसा में आधा दर्जन से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं, हालांकि किसी को गंभीर चोट नहीं आई और किसी का अस्पताल में इलाज नहीं हुआ।

एसपी बोले- स्थिति नियंत्रण में, जल्द होंगी गिरफ्तारियां

हजारीबाग एसपी अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और अन्य की तलाश जारी है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की है। यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि सामुदायिक सद्भाव बनाए रखना आज के समय की जरूरत है। स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में इस तरह की हिंसा दोबारा न हो।