Rags To Riches: दक्षिण भारत के लोकप्रिय अभिनेता चिरंजीवी कभी भीड़ का एक आम सा चेहरा थे, एक जूनियर आर्टिस्ट जिसे कोई विशेष नहीं मानता था. इनका असली नाम कोनिडेला शिवशंकर वरप्रसाद है, तेलुगु सिनेमा के "मेगास्टार" के रूप में ये पूरी दुनिया में मशहूर हैं. लेकिन उनकी यह शानदार सफलता एक अपमानजनक घटना से शुरू हुई थी. उनकी कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो मुश्किलों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करना चाहता है और अपनी हिम्मत को कभी टूटने नहीं देता.
1970 के दशक के अंत में, जब चिरंजीवी अपने करियर की शुरुआत कर रहे थे, तब वे एक जूनियर आर्टिस्ट के रूप में काम करते थे. हैदराबाद में एक फिल्म के सेट पर, जहां ‘जग्गय्या’ और ‘शारदा’ जैसे बड़े सितारे मौजूद थे, चिरंजीवी के साथ एक ऐसी घटना घटी जिसने उनकी जिंदगी बदल दी. सेट पर किसी ने उन्हें जोर से डांटा और तंज कसते हुए कहा, "क्या तुम्हें लगता है कि तुम एक सुपरस्टार हो?" यह अपमान उनके दिल को चुभ गया. उस पल में चिरंजीवी ने ठान लिया कि वे इस अपमान को अपनी ताकत बनाएंगे और सचमुच सुपरस्टार बनकर दिखाएंगे.
इस घटना के बाद चिरंजीवी ने अपने लक्ष्य की ओर पूरी मेहनत शुरू कर दी और खुद को सुपरस्टार बनाने के लिए दिन-रात एक कर दी. उन्होंने छोटे-छोटे किरदारों से शुरुआत की और धीरे-धीरे अपनी प्रतिभा से दर्शकों का दिल जीता. उनकी कड़ी मेहनत 1983 में रिलीज हुई फिल्म "खैदी" के साथ रंग लाई. इस फिल्म ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया और तेलुगु सिनेमा में उनकी पहचान "मेगास्टार" के रूप में स्थापित हो गई. खैदी की सफलता ने न केवल उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि यह भी साबित किया कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से कोई भी सपना हकीकत में तब्दील हो सकता है.
मेगास्टार चिरंजीवी ने अपने करियर में 150 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और हर किरदार में अपनी अनोखी छाप छोड़ी. इस दौरान उनकी फैन फ़ॉलोइंग दिन-दुगनी रात-चौगनी होती चली गई. उनकी हैरतंगेज और मजेदार डांसिंग स्टाइल, एक्शन, और कॉमेडी ने उन्हें तेलुगु सिनेमा का बादशाह बना दिया. आज उनकी कहानी हर उस युवा के लिए हद से ज्यादा प्रेरणा का श्रोत बनती है जो अपनी बुरी और दुखद परिस्थितियों के बावजूद यह सपना देखता है कि एक दिन वह सुपरस्टार बनेगा और पूरी दुनिया उसे जानेगी.