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चंपई सरकार ने विश्वासमत हासिल किया, समर्थन में पड़े इतने वोट

RANCHI: चंपई सोरेन सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है। चंपई सोरेन के विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो गई है। सरकार के पक्ष में 47 वोट पड़े हैं जबकि विपक्ष में 29 वोट डाले गए हैं। ऐसे में चंपई सोरेन ने बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लिया है और अग्निपरीक्षा में सफल हो गए हैं।

दरअसल, झारखंड में हुए लैंड स्कैम मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद बीते 31 जनवरी की रात गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले हेमंत सोरेन ईडी की कस्टडी में राजभवन पहुंचे थे और अपना इस्तीफा राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को सौंप दिया था। सरकार गिरने के बाद जेएमएम नेता चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया और सियासी ड्रामें के बाद आखिरकार उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। 

शपथ ग्रहण के पांच दिन बाद यानी 5 फरवरी को विधानसभा में सरकार का फ्लोर टेस्ट हुआ । राज्यपार सीपी राधाकृष्णन के अभिभाषण के बाद चंपई सोरेन ने विधानसभा में विश्वास मत के लिए प्रस्ताव पेश किया। चंपई सरकार के प्रस्ताव पर सदन में चर्चा कराई गई। चर्चा के बाद सदन में वोटिंग कराई गई। वोटिंग के दौरान सरकार के पक्ष में 47 मत पड़े जबकि सरकार के विपक्ष पक्ष में 29 वोट डाले गए। 47 वोट मिलने के बाद चंपई सरकार फ्लोर टेस्ट में पास हो गई और सरकार को विश्वासमत हासिल हो गया।

उधर, कोर्ट से आदेश मिलने के बाद हेमंत सोरेन भी फ्लोर टेस्ट में शामिल हुए। विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में बोलते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि कहा कि 31 जनवरी की काली रात, काला अध्याय देश के लोकतंत्र में नए तरीके से जुड़ा है। मेरे संज्ञान में नहीं है कि पहले किसी मुख्यमंत्री की ऐसी गिरफ्तारी हुई हो। मुझे लगता है कि इसमें राजभवन भी शामिल है। हेमंत सोरेन ने कहा कि बड़े ही  सुनियोजित तरीके से, लंबे समय से 2022 से 31 तारीख को हुए अंजाम की पटकथा लिखी जा रही थी। 

उन्होंने कहा कि मैं आंसू नहीं बहाऊंगा। आंसू वक्त के लिए रखूंगा साबित करें कि वो जमीन मेरे नाम पर है। अगर मुझपर घोटाले साबित हुए तो राजनीति छोड़ दूंगा। राजनीति से संन्यास ही नहीं, झारखंड छोड़ दूंगा। मुझे जेल के सलाखों के पीछे बांध कर ये अपने मंसूबों में नहीं कामयाब हो पाएंगे. ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स जिन्हें देश की संवेदनशील व्यवस्थाएं हैं। देश का 12 लाख करोड़ लेकर जाने वाले का इन्होंने बाल भी बांका नहीं किया।

हेमंत सोरेन से पहले सदन में सीएम चंपई ने बीजेपी के खिलाफ जोरदार हमला बोला। विश्वास मत पेश करते हुए सीएम चंपई सोरेन ने सदन में कहा कि 2019 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनी लेकिन सरकार बनने के बाद से ही बीजेपी सरकार को गिराने और अस्थिर करने की कोशिश शुरू कर दी थी। सरकार बनते ही कोरोना महामहारी आ गयी लेकिन हेमंत सोरेन ने किसी को भूखे मरने नहीं दिया। राज्य के बाहर पलायन कर रहे मजदूरों को हवाई जहाज से झारखंड लाया। कोरोना महामारी खत्म हुई तो सरकार ने बड़े पैमाने पर काम शुरू किया लेकिन फिर से ये लोग सरकार को गिराने और अस्थिर करने के कोशिश में लग गये। 

उन्होंने कहा कि इन लोगों (बीजेपी) ने अपनी एजेंसी द्वारा हमरे हेमंत बाबू को जेल भेजा और सरकार गिरा ही दिया। चंपई सोरेन ने कहा कि हम हेमंत सोरेन के सभी काम और योजनाओं का आगे लेकर जायेंगे। हेमंत बाबू ने गरीब बच्चों को विदेश भेजा। राज्य बनने के बाद यहां विपक्ष की सरकार बनी। झारखंड के खनिज और माइंस को लूट लिया। आदिवासी मूलवासी को क्या मिला? जब-जब यहां आदिवासी मूलवासी की सरकार बनती है, इन्हें दर्द होने लगता है। एक ऐसे मामले में हेमंत को जेल भेजा गया, जिसका न खाता है और न बही।