Jharkhand Budget: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ। भोजनावकाश के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जैसे ही विपक्ष पर हमला बोला, भाजपा विधायकों ने विरोध जताते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। मुख्यमंत्री ने विपक्ष को 'निकम्मा' और 'भेड़िए की खाल ओढ़कर चतुर-चालाक' बताया, जिससे सियासी माहौल गरमा गया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस बयान के बाद भाजपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने तंज कसते हुए कहा, "हम समझ सकते हैं मुख्यमंत्री की तकलीफ, क्योंकि उन्होंने कुछ किया ही नहीं था। जो जैसा होता है, वैसा ही बोलता है। अब उन्हें ट्रेनिंग कौन देगा?"
वहीं, भाजपा विधायक नीरा यादव ने मुख्यमंत्री के शब्दों को सत्ता का अहंकार करार दिया। उन्होंने कहा, "हम लोग शांतिपूर्वक सदन चलने में सहयोग कर रहे थे, लेकिन जब मुख्यमंत्री ने जवाब देना शुरू किया तो उन्होंने विपक्ष को 'निकम्मा' कह दिया। यह उचित नहीं है। सदन में भाषा की मर्यादा होनी चाहिए।"
सत्ता पक्ष ने किया मुख्यमंत्री का बचाव
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान पर सत्ता पक्ष ने बचाव करते हुए इसे विपक्ष को ललकारने वाला बताया। झामुमो विधायक प्रदीप यादव ने कहा, "मुख्यमंत्री ने जो कहा, वह विपक्ष की निष्क्रियता को दर्शाता है। जो जिम्मेदारी जनता ने उन्हें दी थी, वे उसे पूरा नहीं कर रहे हैं। केवल हंगामा करना उनका मकसद बन गया है।"
हेमंत सोरेन ने गिनाईं सरकार की उपलब्धियां
मुख्यमंत्री ने अपने 20 मिनट के संबोधन में सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों का ब्योरा दिया। उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, "हमने इतने काम किए कि जनता ने हमें फिर से सत्ता में लाया। विपक्ष के कुछ पत्ते झड़ चुके हैं और यह तो सिर्फ शुरुआत है। आने वाले पांच सालों तक विपक्ष इसी स्थिति में रहेगा।" जब भाजपा विधायक सीपी सिंह ने राज्य में बालू की किल्लत पर सवाल उठाया, तो मुख्यमंत्री ने कहा, "अब दबंगई से काम नहीं चलेगा, सूर्यास्त हो चुका है और आगे आपकी मुसीबत बढ़ेगी।"
केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड के खिलाड़ियों के साथ भेदभाव किया जाता है। "गुजरात को बजट में 30% दिया जाता है, जबकि झारखंड को केवल 20-30 करोड़ रुपये मिलते हैं। लेकिन हम घबराने वाले नहीं हैं," उन्होंने कहा।
सदन स्थगित, आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट होगी पेश
सदन में गरमागरम बहस के बाद कार्यवाही को 28 फरवरी तक स्थगित कर दिया गया। शुक्रवार को सरकार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करेगी। इस सत्र में आगे भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति बनी रहने की संभावना है।