Bollywood: बॉलीवुड में कई बार ऐसा हुआ है कि किसी अभिनेता द्वारा ठुकराई गई फिल्म किसी और के करियर का टर्निंग पॉइंट बन गई हो। ऐसा ही कुछ संजय दत्त के साथ भी हुआ था, जिनकी 2003 में आई फिल्म मुन्ना भाई MBBS ने उनके करियर को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया था। यह फिल्म न केवल बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही, बल्कि इसने 20 अवॉर्ड जीतकर भी इतिहास रच दिया।
लेकिन बहुत कम ही लोग जानते हैं कि इस फिल्म के लिए संजय दत्त पहली पसंद नहीं थे, और इसे शाहरुख खान, अनिल कपूर, और विवेक ओबेरॉय जैसे सितारों को संजू बाबा से पहले ऑफर किया गया था। 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले में सजा के बाद संजय दत्त का करियर मानो ठहर-सा गया था। जिसके बाद राजकुमार हिरानी के निर्देशन में बनी मुन्ना भाई MBBS ने उनके करियर को एक नया जीवन दिया।
12 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 33 करोड़ रुपये की कमाई की, जो उस समय के हिसाब से जबरदस्त थी। फिल्म ने 2004 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (बेस्ट फिल्म) सहित करीब 20 अवॉर्ड अपने नाम किए। इसमें संजय दत्त के साथ सुनील दत्त, ग्रेसी सिंह, जिमी शेरगिल, अरशद वारसी, रोहिणी हट्टंगड़ी, और बोमन ईरानी जैसे कलाकारों ने महत्वपूर्ण रोल निभाए थे।
जब राजकुमार हिरानी ने इस फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी, तो उनके दिमाग में संजय दत्त नहीं थे। पहले यह रोल आर माधवन को ऑफर किया गया, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। इसके बाद अनिल कपूर और विवेक ओबेरॉय से भी बात हुई, पर वे भी इस प्रोजेक्ट से नहीं जुड़े। फिर प्लान बना कि संजय दत्त जहीर (मुन्ना का दोस्त) का किरदार निभाएँ और लीड रोल यानी मुन्ना के लिए शाहरुख खान को लिया जाए।
लेकिन शाहरुख उस समय कमर की चोट से जूझ रहे थे और फिल्म से वे बाहर हो गए। आखिरकार, संजय दत्त को मुन्ना का रोल मिला, और उनकी दमदार अभिनय ने फिल्म को सुपरहिट बना दिया। अरशद वारसी ने जहीर के किरदार को इतने शानदार तरीके से निभाया कि वह भी रातोंरात स्टार बन गए थे।