Bollywood News: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता संजय दत्त ने एक बेहद महत्वपूर्ण मुद्दे पर बात करते हुए एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया है कि आज और उनके ज़माने के एक्टर्स में क्या फर्क था. तब की फिल्मों के निर्माण में ऐसा क्या विशेष होता था जो लोग सालों तक फिल्म को चाह कर भी न भुला पाते थे और न ही उन फिल्मों के गाने लोगों के लबों से उतर पाते थे.
इस बात से तो आप भी इनकार नहीं करेंगे कि आज भी अगर लोग फिल्म देखने बैठते हैं तो उनकी पहली प्राथमिकता यही होती है कि कोई पुरानी फिल्म देखें. तो ऐसा क्या ख़ास था तब जो अब नहीं है. इसी बात का खुलासा करते हुए अभिनेता संजय दत्त ने कहा कि “हम लोगों के ज़माने में हम अभिनेता लोग अपने निर्देशकों पर सवाल नहीं उठाते थे”.
“हमारी फिल्म के डायरेक्टर हमें जो भी आदेश देते थे, उसका पालन किया जाता था और उनसे किसी भी प्रकार की बहस हम लोग नहीं करते थे. आजकल के एक्टर्स तो निर्देशक को वह इज्जत ही नहीं देते जिसके वे हकदार हैं. इन्हें हर चीज में टांग अड़ानी होती है. ये लोग हर बात पर अपना दिमाग लगा देते हैं और खुद को फिल्म के निर्देशक से ज्यादा ज्ञानी समझते हैं”.
वैसे संजय दत्त की यह बात काफी हद तक सही है. आजकल अभिनेताओं द्वारा निर्देशक के काम में काफी ज्यादा हस्तक्षेप किया जाने लगा है. नतीजा यह होता है कि फिल्म वैसी बन नहीं पाती है जैसी बननी चाहिए. अब अभिनेता तो अपनी फीस लेकर निकल लेता है मगर फिल्म के पिटने पर सबसे ज्यादा रोते हैं बेचारे निर्माता और निर्देशक. ऐसे में संजय दत्त की बात बहुत हद तक सही है.
हालांकि, ऐसा नहीं है कि संजय दत्त की बात पूरी तरह से सच है. आज के दौर में भी कुछ अभिनेता ऐसे हैं, जो निर्देशक को भगवान मानते हैं और हर वो काम करने को तत्पर रहते हैं जो निर्देशक उनसे कहता है या जिससे फिल्म को और भी बेहतर बनाया जा सके. लेकिन इस बात में सत्यता है कि ऐसे एक्टर बस गिने चुने ही हैं, ज्यादातर इस मामले में मनमानी करने वाले ही हैं.