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BLF: बलूचिस्तान ने मांगी भारत से मदद, पाकिस्तान के खिलाफ जारी जंग करना चाहते हैं और तेज

BLF: बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (BLF) के कमांडर डॉ. अल्लाह नजर ने पाकिस्तान के खिलाफ बलूचिस्तान की आजादी की लड़ाई में भारत, ईरान, और अफगानिस्तान से मदद की अपील की है। एक वीडियो संदेश में, जो एक पहाड़ी से जारी किया गया, नजर ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान पर अवैध कब्जा किया है और बलूच लोगों पर अत्याचार कर रही है। उन्होंने भारत से खास तौर पर 1971 के भारत-पाक युद्ध में जब्त की गई 93,000 बंदूकें और प्रत्येक के साथ 10 गोलियां देने की मांग की, ताकि वे पाकिस्तान को सबक सिखा सकें। यह अपील ऐसे समय में आई है, जब भारत-पाक तनाव और बलूच विद्रोहियों की सक्रियता चरम पर है।

डॉ. नजर ने कहा, “पाकिस्तान दावा करता है कि हमें भारत, ईरान, और अफगानिस्तान से हथियार मिल रहे हैं। अगर आप पर यह इल्जाम लग ही रहा है, तो मैं अपील करता हूं कि आप हमारे इस जायज संघर्ष में सक्रिय समर्थन दें। पड़ोसी देशों का फर्ज है कि वे हमारी मदद करें।” उन्होंने जोर देकर कहा कि बलूचिस्तान की आजादी के लिए मिसाइल या परमाणु बम नहीं, बल्कि सिर्फ हथियारों की जरूरत है।

बलूचिस्तान में BLF और अन्य विद्रोही गुट, जैसे बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA), लंबे समय से पाकिस्तानी सेना के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष छेड़े हुए हैं। हाल के दिनों में, खासकर ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाक तनाव के बाद, इन गुटों ने हमले तेज कर दिए हैं। 10 मई 2025 को BLA ने 39 स्थानों पर हमले किए, जिसमें क्वेटा, कलात, और बोलान में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। मंगोचार शहर पर BLA के फतेह स्क्वाड ने कब्जा कर लिया, और कई सैन्य काफिलों पर IED हमले किए गए, जिसमें 14 पाक सैनिकों की मौत हुई।

पाकिस्तान ने इन हमलों के लिए भारत पर आरोप लगाए हैं, दावा करते हुए कि नई दिल्ली BLA और BLF को समर्थन दे रही है। हालांकि, भारत ने इन आरोपों को खारिज किया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बलूचिस्तान के प्रति समर्थन को याद करते हुए कहा कि भारत बलूचों के साथ खड़ा है।

डॉ. अल्लाह नजर, जो BLF के 2003-04 से नेता हैं, ने बलूच राजी आजोई संगार (BRAS) गठबंधन में भी अहम भूमिका निभाई है, जिसमें BLA, BLF, और अन्य गुट शामिल हैं। यह गठबंधन बड़े पैमाने पर हमलों के लिए जाना जाता है, जैसे जफर एक्सप्रेस ट्रेन अपहरण। नजर की अपील और हाल के हमलों ने पाकिस्तानी सेना और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, खासकर जब पाकिस्तान अफगान सीमा और भारत के साथ तनाव का सामना कर रहा है।