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Bjp vs congress over foreign delegation : विदेश दौरों पर छिड़ा सियासी घमासान! केंद्र बोली– कांग्रेस से कोई नाम नहीं मांगा, राहुल की लिस्ट से सिर्फ 1 को मिली मंजूरी!

Bjp vs congress over foreign delegation : विदेशी दौरों पर जाने वाली सर्वदलीय टीम को लेकर केंद्र सरकार और कांग्रेस के बीच सियासी टकराव तेज हो गया है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने पार्टी से चार सांसदों के नाम मांगे और फिर उनमें से तीन को खारिज कर दिया। लेकिन अब केंद्र सरकार ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा है कि विपक्ष से कोई नाम औपचारिक रूप से नहीं मांगे गए थे।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सिर्फ शिष्टाचारवश सूचित किया गया था, न कि किसी प्रक्रिया के तहत। रिजिजू ने कहा– ‘हमने योग्यता के आधार पर चुना, न कि राजनीति पर’ हमने कभी भी विपक्ष से नाम नहीं मांगे। जो भी चयन हुए हैं, वो योग्यता के आधार पर हुए हैं। शशि थरूर और मनीष तिवारी जैसे अनुभवी नेताओं को इस मिशन के लिए चुना गया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति पर मजबूत पकड़ रखते हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि थरूर खुद कांग्रेस द्वारा स्थायी समिति के अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे और अब उन्हीं पर सवाल उठाना विरोधाभासी है। वहीँ  कांग्रेस ने  पलटवार करते हुए कहा कि थरूर को इसलिए चुना गया क्योंकि उन्होंने ‘पार्टी लाइन’ तोड़ी |कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह चयन प्रक्रिया “सरकार की असंवेदनशीलता और राजनीतिक एजेंडा” को दर्शाती है। पार्टी का मानना है कि थरूर को इसलिए शामिल किया गया क्योंकि उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कांग्रेस के आधिकारिक रुख से हटकर बयान दिया था।

सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी की ओर से गौरव गोगोई, आनंद शर्मा, राजा वड़िंग, और सैयद नसीर हुसैन के नाम भेजे गए थे, जिनमें से केवल आनंद शर्मा को ही अनुमति मिली। ऐसे में सरकार के तरफ से सफाई आ गयी है ,चयन में कोई भेदभाव नहीं हुआ , हमने किसी की राजनीतिक असुरक्षा या ईर्ष्या के आधार पर नहीं, बल्कि पूरी तरह से योग्यता और राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर चयन किया है। रिजिजू ने यह भी कहा  कि कांग्रेस के सलमान खुर्शीद और अमर सिंह को भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया गया है।