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BJP National President election : भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? जून में हो सकता है ऐलान,तीन बड़े नाम रेस में!

BJP National President election : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल करीब दो साल पहले ही पूरा हो चुका है। लेकिन अब तक उन्हें लगातार एक्सटेंशन दिया जा रहा है। यह पार्टी के इतिहास में पहली बार है जब किसी अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद इतने लंबे समय तक नया चेहरा सामने नहीं आया है। हालांकि, इस दौरान बीजेपी ने कई अहम चुनावों में कामयाबी हासिल की है, जिससे संगठन पर इसका नकारात्मक असर नहीं दिखा। फिर भी अब यह सवाल ज़रूर उठ रहा है कि आखिर अगला अध्यक्ष कौन होगा?

अध्यक्ष बनने के लिए क्या है योग्यता?

बीजेपी के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष वही बन सकता है जो कम से कम 15 साल से पार्टी का सक्रिय सदस्य रहा हो। चुनाव का जिम्मा निर्वाचक मंडल संभालता है, जिसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के सदस्य शामिल होते हैं। किसी भी उम्मीदवार के लिए 20 सदस्यों को उसका नाम संयुक्त रूप से प्रस्तावित करना होता है।

चुनाव प्रक्रिया अब अंतिम चरण में?

सूत्रों के मुताबिक, आधे से ज्यादा राज्यों में संगठन चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में जिला अध्यक्षों की घोषणा के बाद उम्मीद जगी कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी जल्द होगा। लेकिन पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद यह प्रक्रिया कुछ समय के लिए फिर टाल दी गई।

कौन हैं रेस में आगे?

राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में जिन नेताओं के नाम चर्चा में हैं, उनमें तीन बड़े नाम हैं इसमें धर्मेंद्र प्रधान जो  केंद्रीय मंत्री हैं और इनके पास संगठनात्मक अनुभव भी है .वहीँ  केंद्रीय कृषि मंत्री  शिवराज सिंह चौहान इनके पास भी  बड़ा जनाधार है . मनोहर लाल खट्टर भी रेस में शामिल हैं | इन नामों को पार्टी  भावी रणनीति, संगठनात्मक क्षमता और सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखकर देखा जा रहा है।

जून में जारी हो सकती है अधिसूचना

संकेत हैं कि जून के दूसरे सप्ताह में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकती है। सबसे पहले राज्य स्तरीय संगठन चुनाव कराए जाएंगे, फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। पूरी प्रक्रिया पार्टी के संविधान के मुताबिक होगी, जिसमें नामांकन, छंटनी और मतदान के चरण शामिल होंगे। चुनाव की निगरानी के लिए एक केंद्रीय चुनाव समिति बनाई जाएगी। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि जेपी नड्डा फिर से चुनाव लड़ेंगे या नहीं, लेकिन पार्टी के अंदर और बाहर दोनों ही स्तरों पर इसको लेकर उत्सुकता बनी हुई है।

क्यों अहम है यह चुनाव?

नया अध्यक्ष सिर्फ संगठन का मुखिया नहीं होगा, बल्कि उसे 2026 के विधानसभा चुनावों और 2029 के आम चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति तैयार करनी होगी। इसलिए यह चुनाव केवल नाम बदलने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने वाला मोड़ साबित हो सकता है। भाजपा का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इस पर विपक्षी दलों की भी पैनी नजर है। नए अध्यक्ष के आने से पार्टी की नीतियों और रणनीतियों में क्या बदलाव होगा, यह राजनीतिक रूप से बेहद अहम है। बीजेपी अब एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है। आने वाले दिनों में जो नाम सामने आएगा, वह न सिर्फ पार्टी का चेहरा होगा, बल्कि भाजपा की आगे की दिशा और दशा भी तय करेगा।