इस ट्रांसफर पोस्टिंग में खास बात यह है कि इन सभी शिक्षकों को उनकी पत्नी के पदस्थापन वाले जिले में भेजा गया है। लेकिन अगर आप पटना में पोस्टिंग की उम्मीद लगाए बैठे हैं, तो थोड़ा और सब्र करना पड़ेगा। शिक्षा विभाग ने इस तबादले की लिस्ट जारी कर दी है, और जल्द ही स्कूल आवंटन की प्रक्रिया भी शुरू होगी।
बताते चलें कि जिन 2,151 पुरुष शिक्षकों का तबादला हुआ है, उनकी पत्नियाँ भी सरकारी स्कूलों में शिक्षक हैं। अब ये शिक्षक अपनी पत्नी के साथ उसी जिले में काम कर सकेंगे। यह कदम न सिर्फ इन शिक्षकों के लिए सुविधाजनक है, बल्कि उनके पारिवारिक जीवन को भी आसान बनाएगा, यह तबादला उन शिक्षकों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं, जो लंबे समय से इस दिन का इंतजार कर रहे थे।
हालांकि, यह खुशखबरी हर किसी के लिए एक जैसी नहीं है। जिन शिक्षकों की पत्नियाँ पटना जिले में पदस्थापित हैं, उन्हें अभी और इंतजार करना होगा। शिक्षा विभाग का कहना है कि पटना में पहले से ही शिक्षकों की संख्या जरूरत से ज्यादा है। ऐसे में यहाँ नए तबादले तभी होंगे, जब स्थिति को संतुलित किया जाएगा। यह खबर पटना के शिक्षकों के लिए थोड़ी मायूसी भरी जरूर है, लेकिन विभाग ने भरोसा दिलाया है कि इनके तबादले पर बाद में विचार जरूर किया जाएगा।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला के हस्ताक्षर से जारी आदेश में साफ कहा गया है कि यह तबादला नियोजित शिक्षकों को छोड़कर किया गया है। स्थानांतरित हुए 2,151 शिक्षकों को 10 से 20 अप्रैल के बीच स्कूल आवंटित किए जाएंगे। इसके लिए सॉफ्टवेयर के जरिए पारदर्शी तरीके से प्रक्रिया पूरी होगी। शिक्षकों ने ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर जो विकल्प दिए थे, उसी आधार पर यह आवंटन होगा। रविवार को भी शिक्षा विभाग का दफ्तर खुला रहा, ताकि इस काम को जल्द से जल्द अंजाम दिया जा सके। 28 मार्च को हुई विभागीय स्थापना समिति की बैठक में इस तबादले को हरी झंडी मिल चुकी थी।
बताते चलें कि शिक्षा विभाग ने सख्ती दिखाते हुए एक शर्त भी रखी है। तबादले के बाद सभी शिक्षकों को ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर शपथ पत्र जमा करना होगा। इसमें उन्हें यह घोषणा करनी होगी कि उनके द्वारा दी गई जानकारी सही है। अगर कोई गलत सूचना पाई गई, तो नियमानुसार कार्रवाई होगी। साथ ही, उन्हें यह भी लिखना होगा कि आवंटित जिला उन्हें मंजूर है। यह कदम इसलिए उठाया गया है, ताकि बाद में जाकर कोई भी विवाद न खड़ा हो।