Bihar News : बिहार के सहरसा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है, जहां सदर अस्पताल में ईलाज के दौरान एक विचाराधीन बंदी की मौत हो गयी है। मृतक के परिजनों ने सहरसा मंडल कारा पर देखभाल मे अनदेखी करने का आरोप लगाया है। हाँलाकि पुलिस शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई में जुटी हुई है। मृतक की पहचान जिले नवहट्टा थाना क्षेत्र के शाहपुर पंचायत वार्ड 05 निवासी सकून मिस्त्री के पुत्र 30 वर्षीय छोटे मिस्त्री के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार मृतक की पांच संतानें हैं, जिनमें दो बेटे और तीन बेटियां शामिल हैं। मौत की खबर सुनते ही परिवार वालो का रो-रोकर बुरा हाल बना हुआ है। पत्नी फोटो देवी ने आरोप लगाया है कि सहरसा मंडल कारा मे अच्छे से देखभाल नहीं किया जा रहा था, जिस वजह से कैदी की तबीयत ख़राब हो गई थी। इस दौरान चिकित्सक ने भी सही से इलाज नही किया। जिस कारण छोटे मिस्त्री की मौत हो गयी।
बता दे कि छोटे मिस्त्री बीते 5 वर्षों से सहरसा मंडल कारा मे बंद था और उस पर आरोप था कि जमीन विवाद में उसने अपने पड़ोसी छेदी मिस्त्री की हत्या कर दी। जिसके बाद से वह सहरसा मंडल कारा में विचाराधीन बंदी के रूप मे कैद था। मृतक की भाभी कलावती ने कहा है कि “बीते 15 दिनों से छोटे मिस्त्री की तबीयत ख़राब चल रही थी और सही से देखभाल नही होने के कारण उसकी जान गयी है”।
इस बारे में सहरसा मंडल कारा कक्ष पाल सुभाष चंद्र ने कहा है कि “बीते 23 फरवरी को अचानक बंदी छोटे मिस्त्री की तबीयत खराब होने के उपरांत उसे सदर अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टर की निगरानी में एक सप्ताह तक इलाज चला और इसके बाद 28 फरवरी को डिस्चार्ज कर वापस उसे जेल भेज दिया गया। 5 मार्च को छोटे की तबीयत अचानक फिर से खराब हुई तो उसे इस बार सदर अस्पताल से मधेपुरा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया”।
जहां चिकित्सक ने ईलाज के बाद उसे 6 मार्च को वापस सहरसा मंडलकारा भेज़ दिया। लेकिन उसकी तबियत में कोई सुधार देखने को नहीं मिला, इसके बाद 7 मार्च को तीसरी बार रात के करीब 11 बजे कैदी को एक बार फिर से सदर अस्पताल इलाज के लिए लाया गया। लेकिन इस बार उसकी मौत हो गई। सहरसा मंडल कारा के विभागीय अधिकारी ने सदर थाने को बंदी के मौत की जानकारी दी।
जिसके बाद पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज़ दिया है। मौके पर मौजूद जिला प्रशासन की ओर से मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात अवधेश प्रसाद ने कहा कि “एक विचाराधीन बंदी की मौत हुई है और शव का मेडिकल बोर्ड के तहत पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत की कारणों का स्पष्ट रूप से पता चल सकेगा।