Bihar Road Project: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी हालिया प्रगति यात्रा के दौरान इन परियोजनाओं का ऐलान किया था, और अब इनके निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इन बाइपास के बनने से न सिर्फ जाम से राहत मिलेगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए यात्रा सस्ती और तेज भी होगी।
पथ निर्माण विभाग ने आरा-मोहनिया सड़क पर बाइपास बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। यह बाइपास कोचस में बनेगा और इसकी लंबाई 12.25 किलोमीटर होगी। इसकी अनुमानित लागत 54 करोड़ 9 लाख 41 हजार रुपये है। राज्य मंत्रिपरिषद से मंजूरी मिलने के बाद काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह बाइपास बनने से आरा से मोहनिया के बीच सड़क यात्रा सुगम हो जाएगी, और कोचस जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाम की समस्या से निजात मिलेगी।
वहीं, नालंदा और लखीसराय के बीच सड़क यात्रा को आसान बनाने के लिए शेखपुरा के सरमेरा से लखीसराय की सीमा पर पचना तक 21.5 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड बाइपास बनेगा। इसकी लागत 481 करोड़ 83 लाख 58 हजार रुपये तय की गई है। यह बाइपास नालंदा और लखीसराय के लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा, क्योंकि अभी इस रास्ते पर जाम और खराब सड़क की वजह से काफी परेशानी होती है। निर्माण पूरा होने पर दोनों जिलों के बीच का सफर तेज और सुरक्षित हो जाएगा।
इधर राजगीर में पर्यटन और खेल को बढ़ावा देने के लिए बाइपास सड़क का दो लेन से चार लेन में चौड़ीकरण होगा। यह प्रोजेक्ट एनएच-82 के किलोमीटर 77 हसनपुर गाँव से शुरू होकर राजगीर अंतरराष्ट्रीय खेल अकादमी मोड़ तक जाएगा। इसकी लंबाई करीब 8-10 किलोमीटर होगी और लागत 139 करोड़ 14 लाख 70 हजार रुपये अनुमानित है। चौड़ी सड़क बनने से राजगीर आने-जाने वाले पर्यटकों और खिलाडियों को बड़ी सुविधा होगी। खासकर अंतरराष्ट्रीय खेल अकादमी तक पहुँचना आसान हो जाएगा।
बताते चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि इन बाइपास का निर्माण जल्द शुरू हो। इसके बाद पथ निर्माण विभाग ने कमर कस ली है। आरा-मोहनिया और सरमेरा-पचना के लिए जमीन अधिग्रहण और डिजाइन का काम शुरू हो गया है, जबकि राजगीर बाइपास के चौड़ीकरण की प्लानिंग अंतिम चरण में है। इन परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के लिए राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन मिलकर काम कर रहे हैं।