Bihar Politics: तेजस्वी यादव के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पॉकेटमार कहे जाने के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है। तेजस्वी के इस विवादित बयान के बाद एनडीए हमलावर हो गई है। बीजेपी के साथ साथ गठबंधन के सभी दलों ने तेजस्वी के इस बयान की निंदा की है। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने तो बिना किसी का नाम लिए यहां तक कह दिया कि जिस तरह से एक फिल्म में अमिताभ बच्चन को हाथ पर मेरा बाप चोर है लिखना पड़ा था उनका भी वैसा ही हाल होगा।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को एक दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने सीवान में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान लालू-तेजस्वी और कांग्रेस पीएम मोदी के निशाने पर रहे। पीएम मोदी के सीवान से रवाना होते ही आरजेडी चीफ लालू प्रसाद ने एक्स पर सियासी मौसम की चेतावनी जारी करते हुए प्रधानमंत्री पर तंज किया तो तेजस्वी यादव ने 20 साल के शासनकाल का लेखा-जोखा मांग दिया।
इतने से भी जब तेजस्वी यादव का मन नहीं भरा तो उन्होंने बजाप्ता प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और जमकर अपनी भड़ास निकाली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सीवान दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक के बाद एक तीखे हमले बोले और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री दोनों पर सवालों की बौछार कर दी। तेजस्वी यादव ने कहा कि हम लोगों को पॉकेटमार प्रधानमंत्री और अचेत मुख्यमंत्री नहीं चाहिए।
तेजस्वी के इस बयान के बाद बिहार की सियासत गरमा गई। एनडीए में शामिल दलों को तेजस्वी ने बैठे बिठाए हमला बोलने का बड़ा मौका दे दिया। जो तेजस्वी यादव जमाई आयोग, जीजा आयोग और मेहरारू आयोग के जरिए पिछले कुछ समय से सरकार पर हमलावर बने हुए थे, उन्होंने सत्ताधारी दलों को बैठे बिठाए पलटवार का मौका दे दिया। अब बीजेपी के साथ साथ जेडीयू और एनडीए के तमाम दल तेजस्वी पर हमलावर हो गए हैं।
तेजस्वी पर पलटवार करते हुए डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू प्रसाद का परिवार हतास और निराश हो चुका है। जिस तरह का बयान तेजस्वी यादव दे रहे हैं उससे स्पष्ट झलकता है कि जिस तरह से अमिताभ बच्चन ने एक फिल्म में अपने हाथ पर लिख लिया था कि मेरे पिताजी चोर हैं, ठीक उसी तरह का हाल है। जिनके घर में पंजीकृत अपराधी हो वह दूसरे को भी अपराधी समझता है। जैसी मानसिकता होती है उसी तरह की सोंच होती है।
उधर, तेजस्वी के बयान पर जेडीयू ने भी तीखा पलटवार किया है। जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि जो जैसा अन्न खाता है वैसा ही संस्कार बनता है। तेजस्वी यादव विपक्ष के नेता के साथ साथ एक सजायाफ्ता के बेटा भी हैं, उन्हें यह भी याद रखना चाहिए। वैचारिक भिन्नता हो सकती है लेकिन तेजस्वी यादव ने तो भाषाई दरिद्रता की सीमा पार कर दी। राजनीति के लंपट भाषा का इस्तेमाल देश के प्रधानमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति के लिए किया। यह बताता है कि लालू यादव ने अपने बेटों को न तो संस्कार दिया, न मर्यादा सिखाया और ना ही भाषा का ज्ञान दिया।