Bihar News: जानकारी के मुताबिक़ यह घटना तब हुई, जब उसे इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (PMCH) लाया गया था। शनिवार सुबह यह आरोपी पुलिस को चकमा देकर भाग निकला, जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। इस चूक ने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई?
छपरा के गड़खा थाना क्षेत्र के गोहपुर गाँव का रहने वाला धनंजय सिंह रेप के एक मामले में आरोपी था। कोर्ट की शिकायत के आधार पर उसके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर शशि रंजन कुमार ने उसे 2 अप्रैल को गिरफ्तार किया। लेकिन गिरफ्तारी के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे उल्टियाँ शुरू हो गईं, जिसके बाद पहले स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज हुआ। हालत न सुधरने पर उसे छपरा सदर अस्पताल की इमरजेंसी में भेजा गया। वहाँ से डॉक्टरों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए PMCH रेफर कर दिया। शनिवार सुबह PMCH में इलाज के दौरान वह पुलिस की नजरों से ओझल हो गया और फरार हो गया।
जानकारी के मुताबिक, धनंजय सिंह को PMCH में भर्ती कराया गया था और उसकी हालत में सुधार हो रहा था। डॉक्टर उसे डिस्चार्ज करने की तैयारी में थे। लेकिन इसी बीच उसने मौका देखकर पुलिस को चकमा दे दिया। बताया जा रहा है कि वह सुबह के वक्त हॉस्पिटल से भाग निकला। इस घटना ने पुलिस की लापरवाही को उजागर कर दिया। आखिर इतने गंभीर मामले के आरोपी को कैसे इतनी आसानी से भागने का मौका मिल गया?
इस घटना के बाद छपरा के एसएसपी डॉ. कुमार आशीष ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने आरोपी की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से जवाब-तलब किया है। सब इंस्पेक्टर नवीन कुमार, जमादार अजय प्रजापति, चौकीदार मितेंद्र राय, रमेश कुमार राय और रामबराई राय से स्पष्टीकरण माँगा गया है। एसएसपी ने कहा, “यह गंभीर लापरवाही का मामला है। जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।” पुलिस अब आरोपी की तलाश में जुटी है, लेकिन उसका अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।
पुलिस ने धनंजय सिंह की तलाश के लिए कई टीमें बनाई हैं। छपरा और पटना के आसपास के इलाकों में छापेमारी की जा रही है। साथ ही, यह जाँच की जा रही है कि क्या उसे फरार होने में किसी की मदद मिली। इस घटना ने न सिर्फ पुलिस की साख को ठेस पहुँचाई है, बल्कि पीड़ित पक्ष के लिए भी चिंता बढ़ा दी है। कोर्ट में चल रहे केस पर इसका क्या असर पड़ेगा, यह देखना बाकी है।