Bihar News: मशहूर बॉलीवुड अभिनेता पंकज त्रिपाठी की नई फिल्म ‘ओ माई डॉग’ की शूटिंग पटना में शुरू हो चुकी है। यह फिल्म बिहार की नई फिल्म प्रोत्साहन नीति का पहला बड़ा नतीजा है, जिसके चलते फिल्ममेकर्स का रुझान तेजी से इस राज्य की बढ़ रहा है। बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम के प्रयासों से यह सपना अब हकीकत में बदलता हुआ दिखलाई दे रहा है।
‘ओ माई गॉड-2’ जैसी हिट फिल्म देने वाले डायरेक्टर अमित राय अपनी नई फिल्म ‘ओ माई डॉग’ लेकर पटना पहुँचे हैं। इस फिल्म के निर्माता अमित राय और अजय राय हैं, और इसमें पंकज त्रिपाठी लीड रोल में नजर आएंगे। शूटिंग का सिलसिला पटना के सुल्तान पैलेस से शुरू हुआ है और अगले एक महीने तक चलेगा। ताजा मिली जानकारी के अनुसार वीरचंद पटेल पथ, मरीन ड्राइव, नया टोला, भिखना पहाड़ी, आर ब्लॉक, चिरैयाटांड़ और हाजीपुर जैसे इलाकों में इस फिल्म को फिल्माया जाएगा।
इतना ही नहीं, छपरा और कोइलवर जैसे बिहार के अन्य जिलों में भी इस फिल्म की शूटिंग होगी। यह फिल्म न सिर्फ पटना की सड़कों को स्क्रीन पर लाएगी, बल्कि बिहार की खूबसूरती को भी दुनिया तक पहुँचाने का काम करेगी। बताते चलें कि इस फिल्म में पंकज त्रिपाठी के साथ-साथ अभिनेत्री गीता अग्रवाल और पवन मल्होत्रा भी अहम किरदार निभा रहे हैं। बिहार के गोपालगंज से निकलकर बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाने वाले पंकज इन दिनों सुल्तान पैलेस में शूटिंग में व्यस्त हैं। वहीं, कला एवं संस्कृति विभाग के सूत्रों का कहना है कि बॉलीवुड के बड़े नाम अब बिहार की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उधर, गोविंदा ने अपनी दो फिल्मों की शूटिंग यहाँ करने की इच्छा जताई है, तो विपुल शाह और विवेक अग्निहोत्री भी बिहार में अपनी-अपनी फिल्म की शूटिंग करने का मन बना चुके हैं।
इन आगामी फिल्मों की शूटिंग से बिहार को कई फायदे होंगे। सबसे पहले, इससे राज्य सरकार को आर्थिक लाभ होगा। दूसरा, पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। जिन स्थानों का सौंदर्यीकरण किया गया है, वहाँ शूटिंग होने से उनकी लोकप्रियता बढ़ेगी। मरीन ड्राइव और हाजीपुर जैसे इलाके अब टूरिस्ट स्पॉट बन सकते हैं। साथ ही, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए-नए मौके भी खुलेंगे। फिल्म क्रू में लोकल आर्टिस्ट और सपोर्ट स्टाफ की भर्ती से गाँव-शहर के युवाओं को काम मिलेगा।
इस बात में कोई शक नहीं कि बिहार सरकार की फिल्म प्रोत्साहन नीति इस बदलाव की सबसे बड़ी वजह है। इसके तहत फिल्ममेकर्स को सब्सिडी, सिंगल विंडो क्लीयरेंस और दूसरी सुविधाएँ दी जा रही हैं। अगर कोई निर्माता अपनी फिल्म का 75% हिस्सा बिहार में शूट करता है, तो उसे 2 से 4 करोड़ तक की सब्सिडी मिल सकती है। भोजपुरी, मैथिली और मगही फिल्मों को भी बढ़ावा देने के लिए खास इंसेंटिव हैं। हर साल पटना में फिल्म फेस्टिवल का आयोजन होगा, जहाँ बिहार की फिल्म नीति की जानकारी दी जाएगी और बेहतरीन कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा। यह कदम बिहार को हिंदी और क्षेत्रीय सिनेमा का हब बनाने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम माना जा रहा है।