Bihar News: मधुबनी जिले के बिस्फी प्रखंड की इस घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है, मानवता को शर्मसार करती इस कहानी के बारे में जिसने भी जाना रो पड़ा। 14 वर्षीय महादलित नाबालिग राजेश सदाय को जयपुर में चार महीने तक बेरहमी से प्रताड़ित किया गया। भूख से तड़प रहे राजेश के मुंह से एक अपशब्द निकलने पर सेठानी आसमीन प्रवीण ने उसे जंजीर से बांधकर लात-घूंसे, रॉड, डंडे और गर्म रॉड से इतना मारा कि उसका चेहरा विकृत हो गया और प्राइवेट पार्ट्स तक जख्मी हो गए। गंभीर हालत में राजेश को बिहार भेज दिया गया, जहां वह मधुबनी के सदर अस्पताल के बेड नंबर 7 पर जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। उसका गरीब परिवार इंसाफ की गुहार लगा रहा है, लेकिन पतौना थाना पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।
राजेश सदाय, बिस्फी प्रखंड के पतौना थाना क्षेत्र के जानीपुर जगबन पंचायत, वार्ड नंबर 9 के शिव शंकर सदाय और राजकुमारी देवी का सबसे बड़ा बेटा है। शिव शंकर मजदूरी कर अपने छह बच्चों का पालन-पोषण करते हैं। आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने दो बेटियों की शादी तो कर दी, लेकिन परिवार की स्थिति बेहद नाजुक थी। इसी बीच, भैरवा गांव के मोहम्मद सद्दाम ने राजेश को जयपुर में काम दिलाने का लालच दिया। सद्दाम, जो चूड़ी का कारोबार करता है, 3000 रुपये मासिक मजदूरी और पढ़ाई का वादा किया था। लेकिन जयपुर पहुंचने के बाद राजेश की जिंदगी नर्क बन गई।
एक दिन भूख से परेशान राजेश के मुंह से आसमीन के लिए अपशब्द निकल गया, जिसके बाद उसकी बेरहम पिटाई शुरू हुई। आसमीन ने राजेश के हाथ जंजीर से बांधे और चार महीने तक रुक-रुक कर उसकी पिटाई की। रॉड से मारकर उसके होंठ को दो हिस्सों में काट दिया गया, गर्म रॉड से प्राइवेट पार्ट्स जलाए गए, और पूरे शरीर पर गहरे जख्म बन गए। उसका शरीर सूज गया और स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि सद्दाम ने उसे चुपके से बिहार जाने वाली बस में बिठा दिया। मधुबनी पहुंचने पर राजेश की हालत देखकर उसके माता-पिता उसे तुरंत सदर अस्पताल ले गए, जहां उसका इलाज चल रहा है।
डॉक्टरों के अनुसार, उसकी हालत अब स्थिर है, लेकिन शरीर पर जख्मों के निशान और मानसिक आघात लंबे समय तक रहेंगे। शिव शंकर सदाय, जो मजदूरी छोड़कर दिन-रात बेटे की देखभाल में जुटे हैं, मांग-चांग कर महंगी दवाइयां खरीद रहे हैं। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना उसी दिन पतौना थाने को दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मधुबनी नगर थाना पुलिस ने सदर अस्पताल से सूचना मिलने पर घटना की जानकारी ली, लेकिन पतौना थाने की उदासीनता से परिवार हताश है।
कुमार गौरव की रिपोर्ट