Bihar News: मुंगेर, जहाँ गंगा का लंबा किनारा 56 किलोमीटर तक फैला हुआ है, इस जिले में एक भी सफेद बालू घाट को लाइसेंस नहीं मिला है। फिर भी इन घाटों पर बालू माफियाओं द्वारा खनन विभाग और पुलिस की नाक के नीचे अवैध खनन कर सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। इतना ही नहीं, अगर पुलिस छापेमारी करती है तो उसे स्थानीय लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ता है।
ताज़ा मामले में ट्रैफिक डीएसपी प्रभात रंजन को सूचना मिली कि गंगा से अवैध बालू और मिट्टी का खनन कर ट्रैक्टरों के जरिए ले जाया जा रहा है, जिससे सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं। इसके बाद मुंगेर एसपी के निर्देश पर जब डीएसपी कासिम बाजार थाना क्षेत्र के हेरुदियारा में एक होटल के पीछे छापेमारी करने पहुँचे, तो वहाँ एक ट्रैक्टर गंगा की मिट्टी ले ईंट भट्टे को सप्लाई करने जा रहा था। पुलिस ने उसे खदेड़ा तो वह खेत में गाड़ी लेकर घुस गया और भागने लगा। पुलिस ने पीछा किया, जिसके बाद कंटीले तार में ट्रैक्टर का खलासी फंस गया और पुलिस के हत्थे चढ़ गया। हालाँकि, ड्राइवर भागने में सफल रहा। जब उसे गिरफ्तार कर पुलिस ले जा रही थी, तो स्थानीय लोग बड़ी संख्या में वहाँ जमा हो गए।
फिर भी डीएसपी ने उसे वहाँ से पकड़कर इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुँचाया और बाद में थाने ले आए। यातायात डीएसपी प्रभात रंजन ने बताया कि गंगा में अवैध बालू खनन की सूचना लगातार मिल रही है। कल्याणपुर से लेकर हेमजापुर तक बालू माफियाओं द्वारा लगातार बालू का खनन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि छापेमारी करना जोखिम भरा काम है, लेकिन मुंगेर पुलिस अब सख्ती से कार्रवाई कर रही है। एसपी ने विस्तृत प्रतिवेदन माँगा है, और यदि किसी विभाग की संलिप्तता सामने आई तो उस पर भी कार्रवाई होगी।