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Bihar News : बिहार में हुआ गजब खेल : इस जिले में कुर्मी बन गया कहार, 12 साल किया सरकारी नौकरी, जानिए कैसे सच आया सामने

Bihar News : बिहार सरकार की शिक्षा विभाग से जुड़े कई अजीबोगरी मामले समय-समय पर चर्चा में आते रहे हैं. कई अनोखे कारनामों के वजह से विभाग अक्सर चर्चाओं में बना रहता है. उदाहरण के लिए जमुई के पुरुष शिक्षक को मैटरनिटी लीव दे दिया गया था, जिसको लेकर विभाग की जमकर फजीहत हुई थी.

अब जमुई में पिछले 12 सालों से जमुई के कहार जाति के नाम पर नालंदा का कुर्मी शिक्षा विभाग में साधन सेवी के रूप में कार्यरत है. कार्यरत कर्मी की पहचान नालंदा जिले के हिलसा थाना क्षेत्र के सिपारा वलवा गांव निवासी रमेश प्रसाद के पुत्र सुमन सौरभ के रूप में हुई है. जबकि साधन सेवी के नाम पर नौकरी पाने के लिए सुमन सौरभ ने अपने आप को बदलने के लिए ग़लत तरीके से अपना आवासीय और जाति प्रमाण पत्र चकाई प्रखंड के ग्राम जलखारिया पोस्ट उरवा निवासी बना लिया था.

वही सुमन सौरभ को उसके कार्यालय में 31 मार्च 2024 को शराब पार्टी के दौरान उत्पाद विभाग की पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसमें उनके द्वारा अपना नाम राकेश कुमार उर्फ सुमन सौरभ पिता रमेश प्रसाद थाना हिलसा जिला नालंदा लिखाया था. इस मामले को लेकर झाझा थाना क्षेत्र के बरमसिया मोहल्ला निवासी गोपाल विश्वकर्मा की पुत्री प्रीती कुमारी ने सौरव सुमन के खिलाफ 23 दिसंबर 2024 को शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन देकर कार्रवाई की गुहार लगाई थी.

तब से इस मामले की जांच पड़ताल चल रही है. वहीं पूरे मामले को लेकर आवेदीका प्रीति कुमारी ने बताया कि हमें जानकारी मिली कि नालंदा जिले के हिलसा थाना क्षेत्र केसिपारा वलवा निवासी राजेंद्र प्रसाद के पुत्र के द्वारा जारी सर्टिफिकेट और जाति को बदलकर खुद को कुर्मी से कहार बना लिया गया है और वह नालंदा से आकर जमुई में गलत तरीके से नौकरी कर रहे हैं. इसको लेकर मेरे द्वारा 3 दिसंबर 2024 को शिक्षा पदाधिकारी से लेकर जिला पदाधिकारी पटना और दिल्ली में भी इसकी शिकायत दर्ज कराई थी.

जिसके बाद जांच की गई और मुझे ऑफिस में बुलाया गया. मुझसे सारे प्रमाण पत्र की मांग की गई. मैंने पूरा साक्ष्य उपलब्ध कराया और उसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा स्वयं मध्यान भोजन के डायरेक्टर को कार्रवाई के लिए लेटर लिखा गया था. उसके बाद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मुझे सूचना यह अभी मिल रही है कि जिले के पदाधिकारी के द्वारा उसे क्लीन चिट दे दी गई है. ऐसे में अगर कार्रवाई नहीं हुई तो पूरे मामले को लेकर हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटा आएंगे.