Metro Train in Bihar: बिहार के चार प्रमुख शहरों, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और भागलपुर में मेट्रो ट्रेन चलाने की सहमति मिल गई है। यह मुद्दा बिहार विधान परिषद में कांग्रेस एमएलसी मदन मोहन झा ने उठाया था, जिसके जवाब में नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा ने बताया कि राइट्स कंपनी ने अपनी सर्वे रिपोर्ट सौंप दी है। गया में सबसे लंबा 36 किमी का मेट्रो रूट प्रस्तावित है, जबकि दरभंगा में सबसे छोटा 18.8 किमी का रूट होगा। चारों शहरों में दो-दो कॉरिडोर बनाए जाएंगे। आइए जानते हैं इन मेट्रो रूट्स और स्टेशनों की पूरी जानकारी।
गया में मेट्रो का सबसे बड़ा नेटवर्क प्रस्तावित है, जो 36 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें कुल 28 स्टेशन होंगे।
उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर (22.60 किमी): यह कॉरिडोर गया एयरपोर्ट, बोधगया और गया रेलवे स्टेशन को जोड़ेगा। इसमें 18 स्टेशन होंगे।
पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर (13.48 किमी): यह बिपार्ड, विष्णुपद मंदिर और मानपुर बस अड्डे को जोड़ेगा, जिसमें 10 स्टेशन प्रस्तावित हैं।
गया मेट्रो का निर्माण दो चरणों में होगा और इसे 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है। यह नेटवर्क स्थानीय लोगों और बोधगया आने वाले पर्यटकों के लिए आवागमन को आसान बनाएगा।
भागलपुर में मेट्रो को दो चरणों में विकसित करने की योजना है, जिसमें कुल 24 किमी का नेटवर्क और 24 स्टेशन होंगे।
यह मेट्रो नेटवर्क भागलपुर में ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने में मदद करेगा, जो स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पहले से एक चुनौती बनी हुई है।
मुजफ्फरपुर में मेट्रो के दो कॉरिडोर होंगे, जिनकी कुल लंबाई 21.25 किमी होगी और 20 स्टेशन बनाए जाएंगे।
कॉरिडोर 2 (7.40 किमी): श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (SKMCH) से मुजफ्फरपुर जंक्शन तक, 7 स्टेशन।
मुजफ्फरपुर में मेट्रो से जीरोमाइल से स्टेशन तक की यात्रा आसान होगी, जिससे स्थानीय लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी।
कॉरिडोर 1 (8.90 किमी): दरभंगा एयरपोर्ट से दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (DMCH) तक, 8 स्टेशन।
दरभंगा में मेट्रो से मिथिलांचल क्षेत्र के लोगों को फायदा होगा, खासकर उन हजारों यात्रियों को जो दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी और शिवहर से जीरोमाइल चौक तक यात्रा करते हैं।
इन चारों शहरों में मेट्रो परियोजनाओं का सर्वे पूरा हो चुका है, और राइट्स कंपनी ने अपनी फिजिबिलिटी रिपोर्ट सौंप दी है। बिहार सरकार ने जून 2024 में इन परियोजनाओं को मंजूरी दी थी, और अब डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा रही है। इन मेट्रो परियोजनाओं को 2029 तक शुरू करने का लक्ष्य है। बताते चलें कि इस परियोजना की लागत का 20% केंद्र और राज्य सरकार वहन करेंगे, जबकि 60% हिस्सा एशियन डेवलपमेंट बैंक और वर्ल्ड बैंक जैसे वित्तीय संस्थानों से ऋण के रूप में लिया जाएगा।