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Bihar Assembly Election 2025 : बिहार चुनाव से पहले AIMIM के ऐलान ने बढ़ाई महागठबंधन की चिंता, NDA की बल्ले-बल्ले

Bihar Assembly Election 2025 : इस साल बिहार चुनाव को लेकर सभी पार्टियां कमर कसने में जुट गई हैं और इस क्रम में जमकर बयानबाजियां हो रही हैं. ऐसे में अब ओवैसी की AIMIM पार्टी के नेता और विधायक अख्तरुल ईमान ने एक ऐसी घोषणा कि है जिसने तेजस्वी यादव समेत महागठबंधन की तमाम पार्टियों को चिंतित करने का काम किया है. वहीं बीजेपी व NDA के सदस्य अन्दर ही अन्दर खुश हैं, क्योंकि अगर यह बात सच साबित हुई तो निश्चित रूप से इसका फायदा एनडीए को मिलेगा.

AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान के अनुसार इस बार AIMIM बिहार के लगभग 100 सीटों पर पर चुनाव लड़ने कि तैयारी में है. उन्होंने कहा है कि "पिछली बार हम 18 सीटों पर लड़े थे, मगर इस बार कम से कम 50 सीटों पर मुकाबला जरूर करेंगे. हमारा संगठन 25 जिलों में तैयार हो चूका है और हम बिहार में थर्ड फ्रंट बनाने जा रहे हैं. जिन दलों कि विचारधारा हमसे मिलती है उन्हें साथ लेकर चलेंगे और सांप्रदायिक शक्तियों को रोकने का काम करेंगे".

ईमान ने यह भी कहा है कि "बिहार की कुछ पार्टियां नहीं चाहती कि मुस्लिम नेत्रत्व आगे बढे, इसी कारण से राजद ने हमारे 4 विधायकों को तोड़ने का काम किया था. आने वाले समय में हमारे ओवैसी साहब पूरे बिहार का दौरा करेंगे और उनके लीडरशिप में हमारी पार्टी मिथिलांचल, सीमांचल, मगध, भागलपुर इत्यादि में विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है". 

वहीं बीजेपी को चुनाव में फायदा पहुंचाने कि बात पर ईमान ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि "हम हमारी पार्टी ना तो बीजेपी को फायदा पहुंचाने जा रही और ना ही हमारी वजह से मुस्लिम वोटों का बटवारा होगा. महागठबंधन को चाहिए कि जहाँ से हमलोग चुनाव लड़ें वहां से वे नामांकन ना करें और हमें बीजेपी को हराने दें. हमें चुनाव लड़ने का पूरा हक है क्योंकि मुसलामानों के असली मुद्दों को हम लोग ही उठाते हैं. पिछली विधानसभा चुनाव में हमारे 5 विधायक जीतकर आए थे और इस बार हम इससे कहीं ज्यादा सीटों पर जीतकर सभी को चौकाने का काम करेंगे".

इस बात पर राजद विधायक इजहार असफी ने कहा है कि "AIMIM पार्टी बिहार में ना हमलोगों के लिए कभी चुनौती थी और ना ही आगे होगी". ज्ञात हो कि ये विधायक 2020 में AIMIM पार्टी से ही जीते थे लेकिन बाद में अपने अन्य विधायोकों के साथ राजद में शामिल हो गए थे. एक बात तो तय है कि यदि ओवैसी कि पार्टी वाकई में अगले विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करती है तो इससे NDA को फायद और महागठबंधन को नुकसान होना सुनिश्चित है.