Bihar News : होली का त्योहार जहां रंगों और खुशियों का प्रतीक है, वहीं अरवल जिले में यह मातम और आंसुओं में डूब गया। जिले भर में सड़क हादसों और मारपीट की घटनाओं ने पांच परिवारों की जिंदगी उजाड़ दी, जबकि 54 लोग घायल हुए। इनमें से सात की हालत इतनी नाजुक थी कि उन्हें पटना के पीएमसीएच रेफर करना पड़ा। अस्पताल से लेकर गांवों तक हर तरफ स्वजनों की चीखें गूंज रही थीं।
सड़क हादसों का कहर
होली के दौरान जिले में सड़क दुर्घटनाओं ने सबसे ज्यादा कोहराम मचाया। शुक्रवार शाम करपी थाना क्षेत्र के रोहाई-भदासी मार्ग पर दो मोटरसाइकिलों की टक्कर में 18 साल के अमन चौधरी की जान चली गई। अमन रोहाई गांव का रहने वाला था। जबकि शनिवार को एनएच-110 पर डीएम आवास के पास दो बाइकों की भिड़ंत में चार लोग घायल हुए, जिनमें से गुड्डू मिस्त्री (30) और कुंदन कुमार (35) ने इलाज के दौरान ही दम तोड़ दिया। गुड्डू मखदुमपुर का और कुंदन मसौढ़ी का रहने वाला था। उसी दिन किंजर बाजार में एक और हादसे ने 21 साल के आनंद कुमार उर्फ आयुष कश्यप को छीन लिया। सभी शवों का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है।
मारपीट ने भी ली जान
सड़क हादसों के अलावा मारपीट की घटनाओं ने भी होली की खुशियों पर पानी फेर दिया। मानिकपुर थाना क्षेत्र के बतसपुर गांव में नाली के कचरे और गोइटा ठोकने को लेकर हुए विवाद में 58 साल के काशी प्रसाद यादव की हत्या कर दी गई। मृतक के बेटे जोगिंदर यादव की शिकायत पर आठ लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया। थानाध्यक्ष पीयूष जायसवाल ने बताया कि मारपीट के बाद काशी की मौत हो गई, और जांच चल रही है।
54 घायल, 7 की जिंदगी खतरे में
14 से 16 मार्च के बीच 60 घंटों में जिले में 54 लोग घायल हुए। इनमें 28 मारपीट और 26 सड़क हादसों के शिकार बने। सभी का इलाज सदर अस्पताल में हुआ, लेकिन सात लोगों की हालत गंभीर होने पर उन्हें पटना रेफर किया गया। अस्पताल प्रबंधक रिजवानुल हक ने कहा, "हमने 54 मरीजों का इलाज किया, लेकिन सात को बचाने के लिए पटना भेजना पड़ा"।