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भारत-कतर के बीच बड़ा समझौता, द्विपक्षीय व्यापार 28 अरब डॉलर तक पहुंचेगा!

भारत और कतर के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए राजनीति, व्यापार, निवेश, सुरक्षा, ऊर्जा, संस्कृति, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करके 28 बिलियन अमेरिकी डॉलर करने की प्रतिबद्धता जताई है। भारत और कतर के बीच आर्थिक सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है। 

आंकड़ों के अनुसार, भारत को अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 के बीच कतर से 1.5 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कतर यात्रा के दौरान भारत ने कतर से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयात को 2048 तक बढ़ाने के लिए 78 बिलियन डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के बीच काफी सौहार्दपूर्ण चर्चा हुई। इसके बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया, "आज मेरे भाई, कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ मेरी बहुत उपयोगी मुलाकात हुई। उनके नेतृत्व में कतर ने प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुआ है। वह मजबूत भारत-कतर मैत्री के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। यह यात्रा और भी खास है क्योंकि हमने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद कतर के अमीर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात की। इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भी राष्ट्रपति भवन में मौजूद थे। भारत और कतर के बीच हुए इन समझौतों से दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक संबंध और मजबूत होंगे। व्यापार और निवेश को लेकर अगले कुछ सालों में और अधिक सहयोग की उम्मीद है।