Bihar Politics : इस यात्रा में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार, कृष्णा अल्लारुल और बिहार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह सहित कई बड़े चेहरे शामिल हुए। यह यात्रा बिहार के युवाओं के लिए रोजगार और पलायन जैसी गंभीर समस्याओं को उठाने का वादा लेकर आई है।
कन्हैया का सरकार पर हमला
यात्रा की शुरुआत में कन्हैया कुमार ने मौजूदा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "बिहार में पलायन चरम पर है। चारों तरफ बेरोजगारी का आलम है। इस सरकार में नौकरी की कोई व्यवस्था नहीं दिखती। हर तरफ पेपर लीक हो रहे हैं। निर्दोष छात्रों पर सर्दी में पानी की बौछारें डाली गईं। यह सरकार तानाशाह बन चुकी है।" कन्हैया ने जोर देकर कहा कि यह यात्रा बिहार के युवाओं के हक की लड़ाई है, ताकि उन्हें अपने घर में ही रोजगार मिल सके।
यात्रा का मकसद
भितिहरवा आश्रम से शुरू हुई यह यात्रा बिहार के युवाओं की आवाज को बुलंद करने का दावा करती है। कांग्रेस का कहना है कि राज्य में बेरोजगारी और पलायन आज सबसे बड़ी चुनौती बन गए हैं। कन्हैया ने कहा, "हम चाहते हैं कि बिहार के नौजवान को बाहर न भटकना पड़े। इसके लिए सरकार को जवाब देना होगा, बाकी सब तो छोड़िए बिहार के लोगों को हनीमून मनाने भी बाहर ही जाना पड़ता है, हमारे यहाँ हैदराबाद और बेंगलुरु क्यों नहीं है, कभी किसी उधर के आदमी को देखते हैं यहाँ आकर कमाते हुए", इस यात्रा में शामिल कृष्णा अल्लारुल और अखिलेश सिंह ने भी इसे युवाओं के भविष्य की लड़ाई बताया।
बेरोजगारी और पेपर लीक का मुद्दा
कन्हैया ने बिहार में बार-बार होने वाले पेपर लीक का जिक्र करते हुए सरकार की नाकामी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "नौकरी के लिए मेहनत करने वाले छात्रों को सिर्फ धोखा मिल रहा है। सरकार उनकी मेहनत पर पानी फेर रही है।" यह यात्रा इन मुद्दों को जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश है।
बता दें कि यह यात्रा बेतिया से शुरू होकर बिहार के कई जिलों से गुजरेगी। कांग्रेस का दावा है कि यह आंदोलन युवाओं को एकजुट करेगा और सरकार पर इसके जरिए दवाब बनाया जाएगा। भितिहरवा आश्रम, जहां से गांधी ने चंपारण सत्याग्रह शुरू किया था, वहां से इस यात्रा की शुरुआत को कांग्रेस ने प्रतीकात्मक बताया है।
बेतिया से संतोष कुमार की रिपोर्ट