Bengaluru New Police Commissioner: बिहार के बांका जिले के पकरिया गांव निवासी 1996 बैच के कर्नाटक कैडर के IPS अधिकारी सीमांत कुमार सिंह को बेंगलुरु का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है। यह फैसला 4 जून 2025 को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की IPL जीत के जश्न के दौरान मची भगदड़ के बाद लिया गया है।
कर्नाटक सरकार ने तत्कालीन पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद सहित कई अधिकारियों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया है। सीमांत कुमार सिंह, जो पहले बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन टास्क फोर्स के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक थे, अब ADGP और पुलिस कमिश्नर, बेंगलुरु सिटी के रूप में कार्यभार संभाल चुके हैं। उनकी नियुक्ति 5 जून 2025 को तत्काल प्रभाव से लागू हुई।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भगदड़ की जांच के लिए CID को जिम्मेदारी सौंपी और RCB, इवेंट मैनेजर DNA नेटवर्क्स, और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के खिलाफ कार्रवाई के आदेश भी दिए।
सीमांत कुमार सिंह का प्रोफाइल
जन्म और शिक्षा: 10 अगस्त 1970 को अविभाजित बिहार के रांची में जन्म। बिहार के बांका से गहरा नाता। 1995 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास की।
करियर: बेल्लारी के SP, मंगलौर के पुलिस कमिश्नर, BSF में DIG, और बेंगलुरु ट्रैफिक ईस्ट के DCP रह चुके हैं। एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) में भ्रष्टाचार के खिलाफ की सख्त कार्रवाई।
कोरोना काल में योगदान: लॉकडाउन में 1 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों, खासकर बिहारियों, को घर पहुंचाने में मदद की। बांका में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स भेजे, जिसके लिए उन्हें "ऑक्सीजन मैन" कहा गया।
पुरस्कार: 2014 में उत्कृष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक।
सीमांत सिंह को तकनीक-प्रेमी और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी माना जाता है। भगदड़ के बाद बेंगलुरु पुलिस की साख पर सवाल उठे हैं। सिंह ने कार्यभार संभालते ही कहा, "मेरी प्राथमिकता जनता में विश्वास बहाल करना और शांतिपूर्ण माहौल देना है।" वे बुनियादी पुलिसिंग पर ध्यान देंगे और जनता व प्रेस के सुझावों के आधार पर काम करेंगे। कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सरकार से जवाब मांगा है।
सीमांत सिंह की नियुक्ति पर बांका में समाजसेवी डॉ. निकेश कुमार सिंह, अजय सिंह, और जनसुराज नेत्री सुजाता वैद्य सहित कई लोगों ने बधाई दी। उनका बांका से गहरा लगाव है, और कोविड काल में उनके योगदान को तत्कालीन DM सुहर्ष भगत ने भी सराहा था।