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दहेज हत्या में सास-ससुर और पति को फांसी, कोर्ट ने कहा-ऐसा नहीं किया तो बेटियां खतरे में रहेंगी

Bareilly Court Big Verdict on Dowry Murder Case: उत्तर प्रदेश के बरेली में एक युवक ने अपने माता-पिता के साथ मिलकर दहेज के लिए पत्नी की गला काटकर हत्या कर दी थी। इस दर्दनाक हत्या के मामले पर फैसला सुनाते हुए बरेली के अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने सभी आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही 1,80,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। रवि कुमार दिवाकर ने अपने फैसले में दहेज प्रथा की निंदा करते हुए सख्त टिप्पणियां की और समाज को चेतावनी दी कि यदि इस कुप्रथा को नहीं रोका गया, तो आने वाली पीढ़ियां भी इसका दंश झेलेंगी।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि जब हमसे कोई जेब में रखा पेन भी मांगता है, तो हम उसे देने में हिचकिचाते हैं। ये बेटी वाले क्या जिगर रखते हैं? जो अपने कलेजे के टुकड़े को किसी और को सौंप देते हैं। बहुत ही बेशर्म होते हैं वो लोग जो इतनी कीमती चीज लेकर भी दहेज के रूप में पैसे मांगते हैं। वहीं, जब उन्हें दहेज नहीं मिलता, तो वो उस बेटी की निर्मम हत्या कर देते हैं।

आपको बता दें कि 2 साल पहले बरेली के देवरनिया थाना क्षेत्र की रहने वाली फराह की शादी नवाबगंज थाना क्षेत्र में रहने वाले मकसद अली से हुई थी। पिछले साल 1 मई 2024 की शाम को फराह की गड़ासे से गला काटकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। फराह के मायके वालों ने आरोप लगाया था कि फराह के पति मकसद अली और उसके ससुराल के लोगों ने दहेज में बुलेट बाइक और कई महंगे सामान की मांग की थी। उनकी यह मांग पूरी न होने पर उन्होंने फराह की गड़ासे से गला काटकर हत्या कर दी।