Colonel Sofia Qureshi: बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग में अहम भूमिका निभाने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी की तुलना महारानी लक्ष्मीबाई से करते हुए उनकी जमकर तारीफ की है। छतरपुर, मध्य प्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान शास्त्री ने कहा, “मुझे गर्व है कि नौगांव, बुंदेलखंड से निकलकर सोफिया कुरैशी ने भारतीय सेना में अपनी कार्यशैली से देश का नाम रोशन किया। उनकी बहादुरी और नेतृत्व रानी लक्ष्मीबाई की याद दिलाता है। हमारी बेटियां बेटों से कम नहीं हैं।”
ऑपरेशन सिंदूर, जो 7 मई 2025 को पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए शुरू किया गया था, भारत की पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई थी। कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ मिलकर इस ऑपरेशन की प्रेस ब्रीफिंग दी, जिसमें उन्होंने 7 मिनट में 9 टारगेट को तबाह करने की जानकारी दी। सोफिया ने बताया कि बहावलपुर का मरकज़ सुब्हान अल्लाह, जो जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था, इस हमले में नष्ट हुआ है।
बताते चलें कि कर्नल सोफिया कुरैशी का जन्म मध्य प्रदेश के नौगांव, छतरपुर में हुआ था, और उनका बचपन बुंदेलखंड में बीता। उनके पिता ताज मोहम्मद कुरैशी, बीएसएफ में सूबेदार थे, और परिवार की सैन्य परंपरा ने उन्हें भी बचपन से ही प्रेरित किया। सोफिया ने वडोदरा की एमएस यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और 1999 में चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से प्रशिक्षण लिया। वह सिग्नल कोर की अधिकारी हैं और 2016 में थाईलैंड में फोर्स-18 सैन्य अभ्यास में भारतीय दल का नेतृत्व करने वाली पहली महिला भी बनीं।
धीरेंद्र शास्त्री ने छतरपुर में उस कार्यक्रम के दौरान सोफिया की तारीफ करते हुए यह भी कहा कि “सोफिया ने पूरे भारत को दिखा दिया कि हमारी बेटियां किसी से कम नहीं हैं। उनकी उपलब्धियां नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं।” इसके अलावा शास्त्री ने पाकिस्तान के जश्न पर भी कटाक्ष किया, कहते हुए, “जब उनके इलाकों में बम फट रहे थे, हम दो दिन पहले ही मिनी दीपावली मना रहे थे। बिना युद्ध के जीत-हार का दावा बेकार है।”
आपको बता दें कि सोफिया का परिवार सैन्य परंपरा से जुड़ा हुआ है। उनकी परदादी का रानी लक्ष्मीबाई के साथ नाता था, और उनके पति मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री में अधिकारी हैं। सोफिया की उपलब्धियों ने न केवल बुंदेलखंड बल्कि पूरे देश को गर्व से भर दिया है।