Andre Russell-Virat Kohli: आईपीएल 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की पहली खिताबी जीत के बाद विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को सर्वोच्च प्रारूप बताते हुए कहा कि आईपीएल की चमक इसके सामने "पांच स्तर नीचे" है। इस बयान के बाद उन्हें क्रिकेट प्रेमियों से खूब तारीफ मिली क्योंकि यह विराट के टेस्ट क्रिकेट के प्रति जुनून और सम्मान को दिखलाता है। लेकिन वेस्टइंडीज के दिग्गज ऑलराउंडर आंद्रे रसेल ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है। रसेल ने कोहली के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए वेस्टइंडीज क्रिकेट की कड़वी हकीकत को भी सामने रखा।
रसेल ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देशों में टेस्ट क्रिकेटरों को मोटे केंद्रीय अनुबंध और बेहतर सुविधाएं मिलती हैं, जो वेस्टइंडीज में नहीं है। उन्होंने कहा "वेस्टइंडीज में आप 50 या 100 टेस्ट भी खेल लें, फिर भी आपके पास दिखाने के लिए ज्यादा कुछ नहीं बचता।" रसेल ने बताया कि वेस्टइंडीज में खिलाड़ी आर्थिक सुरक्षा के लिए टी20 लीग की ओर रुख करते हैं, जहां उन्हें अच्छी कमाई और वैश्विक पहचान मिलती है। इसे आप प्रोफेशनल सोच कहें या फिर मजबूरी वो आपकी मर्जी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 37 वर्षीय रसेल ने अपने करियर में केवल एक टेस्ट मैच खेला है, जो 2010 में श्रीलंका के खिलाफ था। उन्हें चयनकर्ताओं ने टी20 और वनडे जैसे छोटे प्रारूपों के लिए ज्यादा उपयुक्त माना, जिसके चलते टेस्ट क्रिकेट में मौके सीमित रहे। रसेल ने कहा, "मैं टेस्ट क्रिकेट का सम्मान करता हूं और इसे देखना पसंद करता हूं, लेकिन यह मेरे सफर का हिस्सा नहीं था। यह मेरा फैसला नहीं था कि मैं टेस्ट से दूर रहूं।"
रसेल ने यह भी कहा कि एक खिलाड़ी के रूप में उनकी प्राथमिकता अपने परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा करना है। टी20 लीग जैसे आईपीएल, बिग बैश और कैरेबियन प्रीमियर लीग में उन्होंने 10 से ज्यादा खिताब जीते हैं, जो उनकी सफलता का प्रमाण है। कोहली के बयान पर उनकी प्रतिक्रिया न केवल वेस्टइंडीज क्रिकेट की आर्थिक वास्तविकताओं को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि क्रिकेट के प्रारूपों की अहमियत हर खिलाड़ी के लिए अलग-अलग भी हो सकती है।