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आनंद मोहन की रिहाई पर मायावती ने उठाए सवाल, बोली ..नीतीश के फैसले से दलित समाज नाराज

DESK : बिहार में बीते दिनों बाहुबली नेता आनंद मोहन की चर्चा काफी तेज है। इसकी वजह है कि, नीतीश सरकार की सरकार ने सरकारी सेवकों की हत्या कानून  में बदलाव किया है और ऐसा कहा जा रहा है कि इस कानून का सीधा संबंध आनंद मोहन से है। वहीं, अब इस मामले में बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमों मायावती ने दस्तक दी है। उन्होंने कहा है कि, नीतीश सरकार का यह फैसला उचित नहीं है। 

दरअसल, बीएसपी चीफ मायावती ने आनंद मोहन की रिहाई मामले पर  प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "बिहार की नीतीश सरकार द्वारा, आन्ध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) महबूबनगर के रहने वाले गरीब दलित समाज से आईएएस बने बेहद ईमानदार जी. कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनन्द मोहन को नियम बदल कर रिहा करने की तैयारी देश भर में दलित विरोधी निगेटिव कारणों से काफी चर्चाओं में है। 

मायावती ने आगे लिखा, "आनन्द मोहन बिहार में कई सरकारों की मजबूरी रहे हैं, लेकिन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम श्री कृष्णैया की हत्या मामले को लेकर नीतीश सरकार का यह दलित विरोधी व अपराध समर्थक कार्य से देश भर के दलित समाज में काफी रोष है.चाहे कुछ मजबूरी हो किन्तु बिहार सरकार इस पर जरूर पुनर्विचार करे"।

मालूम हो कि, आनंद मोहन भी 15 दिनों के लिए पैरोल पर जेल से बाहर हैं। बीते छह महीने में ये तीसरी बार है जब उन्हें पैरोल पर बाहर आने दिया गया है। इस बार उन्हें अपने बेटे और आरजेडी विधायक चेतन आनंद की शादी को लेकर रिहाई मिली है। चेतन आंनद का उपनयन 16 अप्रैल को और सगाई 24 अप्रैल को है. शादी तीन मई को देहरादून में होने वाली है। 

आपको बताते चलें कि, इसस पहले आनंद मोहन अपनी बेटी सुरभि आनंद की सगाई पर पांच नवंबर 2022 को पैरोल पर जेल से बाहर आए थे। तब 21 नवंबर को पैरोल खत्म होते ही फिर वह जेल चले गए थे। दूसरी बार पैरोल पर अपनी बेटी की शादी पर पांच फरवरी को बाहर आए थे। सुरभि आनंद की शादी 15 फरवरी को थी।  इसके बाद 21 फरवरी को पैरोल खत्म होते ही फिर वह जेल चले गए थे।