वहीं, प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र को समन समझने को कहा है। मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि कानून सबके लिए बराबर है। आप मुख्यमंत्री हैं, इसका मतलब यह नहीं कि आप कानून से ऊपर हैं। ईडी द्वारा भेजा गया समन कानून सम्मत है। आपको इसका अनुपालन करते हुए अपना बयान दर्ज कराना ही होगा।
ईडी ने पत्र में लिखा है कि इससे पहले आपको पत्र (समन) भेज कर सात दिनों का समय दिया गया था। इन सात दिनों में दो दिन के अंदर आपको उपयुक्त जगह बताने और बयान दर्ज कराने का समय दिया गया था। लेकिन आप ने प्रवर्तन निदेशालय पर दुर्भावना से प्रेरित होकर काम करने का आरोप लगाया. आपने कानून का पालन नहीं किया।
आप इडी द्वारा भेजे गये कानून सम्मत समन का अनुपालन करें और दो दिनों के अंदर बयान दर्ज कराने के लिए जगह और समय बतायें। समन का अनुपालन नहीं करने की स्थिति में निदेशालय इसका अनुपालन कराने के लिए बाध्य होगा और आपका बयान दर्ज करने के लिए खुद ही आपके पास पहुंचेगा। ऐसी स्थिति में विधि व्यवस्था बनाये रखना आपकी जिम्मदारी है।इसलिए अपने ही स्तर से राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए उचित निर्देश दें।